Not known Factual Statements About Shodashi

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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

A unique characteristic of the temple is the fact souls from any faith can and do supply puja to Sri Maa. Uniquely, the temple management comprises a board of devotees from many religions and cultures.

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं

ईड्याभिर्नव-विद्रुम-च्छवि-समाभिख्याभिरङ्गी-कृतं

हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।

ஓம் ஸ்ரீம் ஹ்ரீம் க்லீம் ஐம் ஸௌ: ஓம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் க ஏ ஐ ல ஹ்ரீம் ஹ ஸ க ஹ ல ஹ்ரீம் ஸ க ல ஹ்ரீம் ஸௌ: ஐம் க்லீம் ஹ்ரீம் ஸ்ரீம் 

Her Tale involves legendary battles from evil forces, emphasizing the triumph of excellent over evil and also the spiritual journey from ignorance to enlightenment.

Sati was reborn as Parvati on the mountain king Himavat and his wife. There was a rival of gods named Tarakasura who may be slain only via the son Shiva and Parvati.

read more चक्रे बाह्य-दशारके विलसितं देव्या पूर-श्र्याख्यया

सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्

‘हे देव। जगन्नाथ। सृष्टि, स्थिति, प्रलय के स्वामी। आप परमात्मा हैं। सभी प्राणियों की गति हैं, आप ही सभी लोकों की गति हैं, जगत् के आधार हैं, विश्व के करण हैं, सर्वपूज्य हैं, आपके बिना मेरी कोई गति नहीं है। संसार में परम गुह्रा क्या वास्तु है?

स्थेमानं प्रापयन्ती निजगुणविभवैः सर्वथा व्याप्य विश्वम् ।

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